गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

'अप्पन समाचार ग्रुप' का गठन

अप्पन समाचार की टीम को 'स्वयं सहायता समूह' का रूप दिया गया है, ताकि अप्पन समाचार चैनल के काम को सांगठनिक तौर-तरीकों में बंधा जा सके. 'अप्पन समाचार ग्रुप' नाम देते हुए समूह का खाता उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की धरफरी शाखा (पारू), मुजफ्फरपुर में खोला गया है. खाते का सञ्चालन अप्पन समाचार की खुशबू, अश्विनी और रेनू कर रही हैं. अश्विनी दलित और आर्थिक रूप से काफी कमजोर परिवार से ताल्लुकात रखती हैं. इसके ऊपर कैमरा और कोष संभालने की जिम्मेदारी है. समूह बनाने का उद्देश्य लड़कियों के वित्तीय गतिविधियों की क्षमता को बढ़ाना है. उसे और सशक्त करना है.

बुधवार, 28 सितंबर 2011

बुधवार, 18 मई 2011

अप्पन समाचार के संपादकीय सलाहकार

Sanjay Kumar
Mr. Sanjay Kumar is the 'Editorial Advisor' of Appan Samachar (an all-women community news network, popularly known as an all-women news channel).  

 Sanjay Kumar is a New Delhi-based journalist and working as a Producer with ARD First German TV in its South Asia Office, New Delhi.

He writes regularly for The Diplomat magazine of the Asia Pacific region besides being a regular contributor with the Express Tribune, Pakistan. His area of interest is domestic politics and international affairs with South Asia being his focus area.


Sanjay Kumar has wide experience of covering India’s North East also.

सोमवार, 2 मई 2011

सातवीं के बच्चे पढ़ रहे अप्पन समाचार की कहानी

बिहार के सातवीं के बच्चे नए सत्र में 'अप्पन समाचार' की कहानी को किताबों में पढ़ रहे हैं. राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् बिहार द्वारा विकसित, पाठय-पुस्तक और सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत वितरित सातवीं कक्षा की इस किताब 'सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन भाग-२'  में अप्पन समाचार के बारे में बिहार के १४ लाख ५३ हजार २२९ बच्चें पढ़ रहे हैं. इस किताब के पेज ५९ में अप्पन समाचार के बारे में 'ऑल वूमेन न्यूज़ नेटवर्क' शीर्षक से डेढ़ पेज में चर्चा है. अप्पन समाचार की पूरी टीम (रिंकू कुमारी, खुशबू कुमारी, अनीता कुमारी, रूबी कुमारी, रूमा देवी, पिंकी कुमारी, अश्विनी कुमारी, आरती कुमारी, माधुरी कुमारी, प्रियंका कुमारी आदि), संस्थापक संतोष सारंग व् साथी राजेश कुमार, अमृतांज इन्दीवर, फूलदेव पटेल, पंकज सिंह, संजय कुमार की पूरी टीम भावना का ही परिणाम है कि दियारा इलाके के चान्द्केवारी गाँव का नाम रोशन हुआ. इश्वर हमारी टीम को शक्ति दे ताकि इस काम को और आगे ले जा सकें.   

कुंदन जी ने अप्पन समाचार को कंप्यूटर डोनेट किया


कुमुद रंजन
 वृत्तचित्र के क्षेत्र में काम करने वाले 'नेक्स्ट स्टोरी' के कुमुद रंजन उर्फ़ कुंदन जी ने अप्पन समाचार को कंप्यूटर डोनेट किया है. कुंदन जी का पहला वृतचित्र 'माउंटेन मैन' काफी चर्चित हुआ है. पिछले दिनों पटना में हुए दौक्युमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में यह फिल्म चर्चा में रही. कुंदन जी ने नेक्स्ट स्टोरी के बैनर तले 'अप्पन समाचार' के ऊपर एक घंटे की एक फिल्म बनाया है, जो संभवतः जून में प्रदर्शित होगी. अप्पन समाचार टीम की ओर से इस सहयोग के लिए उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद्! हम अपनी पूरी टीम की ओर से नेक्स्ट स्टोरी की पूरी टीम के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं. यह सहयोग अप्पन समाचार के लिए संजीवनी की तरह है. इसरो के वैज्ञानिक सुनील कुमार भी लगातार अप्पन समाचार को सहयोग कर रहे हैं. ऐसे लोगों की वजह से ही कुछ अच्छे काम होते हैं.

मंगलवार, 15 मार्च 2011

मीडिया सम्मलेन में अप्पन समाचार के अमृतांज



मध्य प्रदेश के छतरपुर में विकास संवाद के बैनर तले 'पांचवा राष्ट्रीय मीडिया सम्मलेन' १२-१४ मार्च ११ को आयोजित हुआ. इस मीडिया सम्मलेन में अप्पन समाचार की ओर से अमृतांज इन्दीवर ने भाग लिया. 'सुखाड़ और मीडिया' विषय पर केन्द्रित इस कॉन्क्लेव में अमृतांज को भी बोलने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि मीडिया की गिरती साख के कारण अप्पन समाचार और सीजी स्वर जैसा वैकल्पिक मीडिया की जरूरत है तभी बुंदेलखंड जैसे इलाके में सुखाड़ आदि समस्याओं को फोकस किया जा सकता है. इस कार्यक्रम में बिहार से दैनिक जागरण, मुजफ्फरपुर संस्करण के वरिष्ठ पत्रकार एम् अखलाक ने भी शिरकत किया. सोपान स्टेप के आशीष कुमार अंशु, सीजी स्वर के शुभ्रांशु चौधरी, माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पुष्पेन्द्र पाल सिंह, विकास संवाद के राकेश मालवीय, प्रवास के निदेशक आशीष सागर, दिनेश दर्द सहित देशभर के लगभग ८० पत्रकारों  ने भाग लिया. धन्यवाद, विकास संवाद और पुष्यमित्रजी व अखलाक जी को जिन्होंने अप्पन समाचार को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया. 

महिला दिवस पर अखबार में अप्पन समाचार की अश्विनी

9 March 2011, Prabhat Khabar, Muzaffarpur, Bihar

युवा दिवस पर दैनिक जागरण की रिपोर्ट

-- 12 January, 2011, Dainik Jagran, Patna.

रविवार, 30 जनवरी 2011

विदेशी मीडिया 'जर्मन टीवी' में अप्पन समाचार की कहानी

विदेशी मीडिया 'जर्मन टीवी'  चान्द्केवारी की पगडण्डी पर २७ जनवरी २०११ को पहुंची. तीन सदस्यीय टीम में एआरडी फर्स्ट जर्मन टीवी के साऊथ एशिया प्रोड्यूसर संजय कुमार, कैमरामन मित्या हेगेन लुकेन एवं साउंड रिकोर्डिस्ट दोंती रमेश शामिल हैं.  विदेशी मीडिया की यह टीम २७ जनवरी से ३० जनवरी तक मुजफ्फरपुर में रहकर और दियारा क्षेत्र का धुल फांककर दिन-दिन भर शूट किया. ३१ को वे लोग दिल्ली के लिए रवाना हुए.  

मंगलवार, 25 जनवरी 2011

उड़ीसा की महिलायें बना रही वृतचित्र

उड़ीसा के कंधमाल स्थित 'जना विकास' संस्था से जुडी ११ आदिवासी महिलायें २१ जनवरी २०११ को मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड स्थित चान्द्केवारी गाँव पहुंची. उनके साथ मानस नायक और मध्य प्रदेश की संस्था संवाद वाहिनी से जुड़े अम्बुज सोनी भी आये. कुल १३ लोगों की टीम अप्पन समाचार के मॉडल को देखने, इस ग्रामीण सामुदायिक चैनल की गतिविधियों को निकट से देखने बिहार आई थीं. २१ जनवरी को मुजफ्फरपुर स्थित कन्हौली खादी भंडार में प्रेस मीट के बाद शाम में पूरी टीम चान्द्केवारी के लिए रवाना हुई. गाँव में दो दिन बिताने के बाद २३ जनवरी को यह टीम उड़ीसा और मध्य प्रदेश के लिए वापस हो गई. इन दो दीनों में दो प्रदेशों की ग्रामीण और जंगलों में रहनेवाली निरक्षर आदिवासी महिलायों का साझा अनुभव बाँटना, मुझे ही नहीं बल्कि चान्द्केवारी के लोगों और अप्पन समाचार से जुडी लड़कियों के लिए भी सुखद और अकल्पनीय रहा. जना विकास से जुडी आदिवासी महिलायों का वृतचित्र सम्बन्धी तकनीकी ज्ञान चौकाने वाली थी. अप्पन समाचार की लड़कियों को उनसे बहुत कुछ सिखाने को मिला. शायद मेहमानों को भी बिहार यात्रा का अनुभव अच्छा ही रहा होगा. दोनों प्रदेशों की अलग-अलग संस्कृतियों और भाषाओँ को एक साथ मिलाने का श्रेय अम्बुज सोनी जी को जाता है. हिंदी और उड़िया भाषा का संगम बिहार के सुदूर इलाके में देखने को मिला. भाषा कोई रुकावट नहीं डाल सकी, भावनायों और संवेदनायों के आगे. सहज भाव से अप्पन समाचार की १२-१५ लड़कियाँ और उड़ीसा की ११ महिलायें एक-दूसरे से ऐसे घुलमिल रही थी, जैसे पहले से एक-दूसरे को जानते हों. नमिता मांझी, कुंतोला नायक, उर्वशी नायक, कुंतोला दिगाल, लिसिमा दिगाल, ममता प्रधान, रुपिना मलिक, निर्मला नायक, संतोरा मलिक,  पुष्पलता, जच्छ्ना परीछा ने तो गाँव के लोगों का दिल जीत लिया.  खाना खाने के बाद में रात को पुआल का अलाव जला कर तापना और हँसी-ठिठोली करना क्या भूल सकता हूँ. बता दें कि बिहार आईं उड़ीसा की महिलायें उन घटनायों की गवाह हैं, जो कंधमाल दंगा के नाम से कुख्यात हुआ था. इनमे से कुछ के घर उजरे तो कुछ के घर जले और कुछ के रिश्तेदार मरे गए. सरकार के दमन और धर्म के ठेकेदारों की प्रताड़ना से उबकर इन महिलायों ने कैमरा थाम लिया. और आज दूसरे प्रदेश में गाँव की महिलायों के काम को देखने पहुँच गई. अंतिम समय में फादर अजय का कार्यक्रम रद्द हो गया, उनके नहीं आने और मुलाकात नहीं होने का मलाल रह गया. इस टीम की सेवा में अप्पन समाचार की टीम लगी रही. मिशन आई के फूलदेव पटेल, अमृतांज इन्दीवर, पंकज सिंह, विजय पाठक आदि लगे रहे. गाँव के लोगों ने चावल, सब्जी, पैसे आदि से सहयोग का ही नतीजा है कि हम अपने मेहमानों का आवभगत कर सके. सभी को तहे दिल से धन्यवाद.    
 
अप्पन समाचार पर वृतचित्र शूट करतीं उड़ीसा की आदिवासी महिलाएं. 

उड़ीसा की आदिवासी महिलायों की टीम पहुंची चान्द्केवारी

प्रभात खबर, २२ जनवरी २०१०

दैनिक जागरण, २२ जनवरी २०१०

गुरुवार, 20 जनवरी 2011

लड़कियाँ रेडियो से जानेंगी दुनिया का हाल

Founder of Appan Samachar Santosh Sarang presenting radio 
Samiti Sadasya Harendra Kushwaha presenting radio to girls
अप्पन समाचार टीम को नववर्ष पर उपहार स्वरुप रेडियो सेट दिया गया. १९ जनवरी को रामलीला गाछी में एक छोटे से कार्यक्रम के जरिये अप्पन समाचार टीम की ९ लड़कियों को एक-एक रेडियो सेट और परिचय पत्र प्रदान किया गया. यह आयोजन मिशन आई के सौजन्य से आयोजित हुआ. इस अवसर पर मिशन आई के अध्यक्ष व अप्पन समाचार के संस्थापक संतोष सारंग, अप्पन समाचार के वीडियो ट्रेनर राजेश कुमार, मिशन आई के फूलदेव पटेल, चंद्केवारी पंचायत के समिति सदस्य हरेन्द्र कुशवाहा सहित कई लोग मौजूद थे. इस लड़कियों को रेडियो देने का मकसद यह था कि अप्पन समाचार के लिए समाचार इकठ्ठा करने वाली गाँव की लड़कियाँ देश-दुनिया में हो रहे हलचल को आसानी से जान सके और अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ा कर अप्पन समाचार के कार्यक्रम में निखार लाये. चूँकि रेडियो संचार का सबसे सस्ता माध्यम हैं, इसलिए रेडियो देने का निर्णय किया गया. सनद रहे कि इस दियारा इलाके में बिजली नहीं होने के कारण आज भी टेलीविजन पर कार्यक्रम देखना महंगा है. इक्का-दुक्का परिवार भाड़े पर बैट्री लेकर रविवार को सिनेमा का लुत्फ़ उठा लेता है. लेकिन सभी के लिए यह संभव नहीं है.
Group photo of Appan Samachar team with the guests
हम यहाँ सुनील कुमार जी के बारे में जिक्र करना मुनासिब समझता हूँ, क्योंकि केरल में इसरो में बतौर वैज्ञानिक अपनी सेवा देते हुए उन्होंने अपनी सैलरी से अप्पन समाचार के लिए ३००० हजार भेजा है. मैंने उनके इस सहयोग से ही इन लड़कियों को रेडियो दे पाया. सुनील जी मुख्यतः मुजफ्फरपुर के ही रहने वाले हैं. उनसे मेरी पहली मुलाकात पटना में दो-तीन साल पहले हुई थी. ऐसे दानवीरों को अप्पन समाचार टीम की ओर से लाख-लाख धन्यवाद्. बिहार की धरती उनके इस सहयोग के किये आभार प्रकट करता है.