केंद्रीय विश्वविद्यालय, पटना बिहार की २२ सदस्यीय टीम २२ मार्च को पटना से मुजफ्फरपुर पहुँची। सहायक प्रोफ़ेसर सुजीत कुमार और दीक्षा चमोला के नेतृत्व में २० छात्र-छात्राएं अप्पन समाचार के बारे में जानने आये थे. इस टीम में पत्रकारिता व जनसंचार और विकास अध्ययन विभाग के छात्र-छात्राएं शामिल थे. २२ मार्च को मुजफ्फरपुर में दिनभर का सेशन चला, जिसमें कम्युनिटी मीडिया बनाम कॉरपोरेट मीडिया पर चर्चा चली। इस दौरान अप्पन समाचार परिकल्पना, उसके सफ़र, प्रभाव आदि के बारे में भी खुलकर बातें हुईं। अप्पन समाचार के संस्थापक संतोष सारंग ने छात्र-छात्राओं को अप्पन समाचार के अलावा पत्रकारिता में आनेवाली नई पीढ़ी के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। दैनिक जागरण के एम् अखलाक, अप्पन समाचार के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अमृतांज इंदीवर, आनंद मूर्ति, के नीरज, हेमनारायण विश्वकर्मा ने भी संबोधित किया।
शाम में टीम मुशहरी के मणिका गाँव जाकर प्रख्यात समाजवादी चिन्तक व लेखक सच्चिदानंद सिन्हा से मिलकर करीब डेढ़ घंटे गाँव व पत्रकारिता पर बात की। छात्रों ने अपनी जिज्ञासाएं मिटाई।
२३ मार्च को यह टीम पारू प्रखंड के चान्दकेवारी गाँव पहुंची। वहां अप्पन समाचार टीम की लड़कियों, ग्रामीणों के साथ घंटों बैठकर अप्पन समाचार की गतिविधियों पर चर्चा की। दोनों टीमों ने अपने-अपने अनुभव बाँटें। फिर केंद्रीय विश्वविद्यालय की टीम के छात्र-छात्रों ने तीन समूह में बंटकर गाँव के तीन टोलों में जाकर अप्पन समाचार के काम, उसके प्रभाव पर सर्वे किया। अंत में सर्वे से छनकर आई बातों पर चर्चा की गयी। पटना से आई टीम ने बताया कि अप्पन समाचार की फ्रिक्वेंसी बढ़ाने की जरूरत है। इसे घर-घर तक पहुँचाना होगा।
इस मौके पर अप्पन समाचार की रिंकू कुमारी, खुशबू कुमारी, पिंकी, अनीता, रेनू, प्रियंका, ममता, जुबेहा खातून, अमृतांज इन्दीवर, राजेश कुमार, पंकज सिंह, फूलदेव पटेल, नीतीश कुमार, शम्भू सिंह, चान्द्केवारी के मुखिया विनोद साह, सकलदेव दास, संजय कुमार, हसरत अली आदि मौजूद थे.
शाम में टीम मुशहरी के मणिका गाँव जाकर प्रख्यात समाजवादी चिन्तक व लेखक सच्चिदानंद सिन्हा से मिलकर करीब डेढ़ घंटे गाँव व पत्रकारिता पर बात की। छात्रों ने अपनी जिज्ञासाएं मिटाई।
२३ मार्च को यह टीम पारू प्रखंड के चान्दकेवारी गाँव पहुंची। वहां अप्पन समाचार टीम की लड़कियों, ग्रामीणों के साथ घंटों बैठकर अप्पन समाचार की गतिविधियों पर चर्चा की। दोनों टीमों ने अपने-अपने अनुभव बाँटें। फिर केंद्रीय विश्वविद्यालय की टीम के छात्र-छात्रों ने तीन समूह में बंटकर गाँव के तीन टोलों में जाकर अप्पन समाचार के काम, उसके प्रभाव पर सर्वे किया। अंत में सर्वे से छनकर आई बातों पर चर्चा की गयी। पटना से आई टीम ने बताया कि अप्पन समाचार की फ्रिक्वेंसी बढ़ाने की जरूरत है। इसे घर-घर तक पहुँचाना होगा।
इस मौके पर अप्पन समाचार की रिंकू कुमारी, खुशबू कुमारी, पिंकी, अनीता, रेनू, प्रियंका, ममता, जुबेहा खातून, अमृतांज इन्दीवर, राजेश कुमार, पंकज सिंह, फूलदेव पटेल, नीतीश कुमार, शम्भू सिंह, चान्द्केवारी के मुखिया विनोद साह, सकलदेव दास, संजय कुमार, हसरत अली आदि मौजूद थे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें