कोपेनहेगन में धरती को बचाने के लिए जुटे दिग्गजों का एतिहासिक समागम १८ दिसंबर को ख़त्म हो गया। करीब तीन साल से इस वैश्विक सम्मलेन को लेकर दुनियाभर में गहमागहमी थी। इस चीर-प्रतीक्षित जलवायु सम्मलेन की १२ दिनों तक चले मंथन के बाद सारी उम्मीदें धराशायी हो गयी । विकसित और विकासशील व् गरीब देशों के बीच दुनिया दोफाड हो गयी। और यहाँ से मजबूत हो गयी दुनिया के विनाश की बुनियाद।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें