मंगलवार, 26 जनवरी 2010
अप्पन समाचार पर बन रही है डाक्यूमेंट्री
ग्रामीण महिलायों का चैनल "अप्पन समाचार" एक के बाद एक कामयाबी का परचम लहरा रहा है। साइबर मीडिया प्रोडक्सन के बैनर तले के नीरज के निर्देशन में "एक वृत्त चित्र का निर्माण किया जा रहा है। २४ जनवरी २०१० को फिल्म मेकर के नीरज एवं उनकी टीम के सदस्य राजेश कुमार (संपादक), रत्नेश कुमार (कैमरामैन) ने चंद्केवारी स्थित अप्पन समाचार की उनिट पर जाकर फिल्म के लिए शूटिंग की। यह फिल्म अप्पन समाचार के प्रणेता संतोष सारंग की कामयाबियों, ग्रामीण लड़कियों के जज्बे, ग्रामीण पत्रकारिता के किये जा रहे प्रयोग, अप्पन समाचार का प्रभाव आदि को दिखायगा । शूटिंग अभी जारी है।
शनिवार, 23 जनवरी 2010
गुरुवार, 21 जनवरी 2010
अप्पन समाचार को विज्ञापन देकर इस अनोखे आन्दोलन को सहयोग करें
अप्पन समाचार एक अनोखा मीडिया आन्दोलन है। यह आन्दोलन बिहार की ग्रामीण महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है। ऑल-वूमेन चैनल के रूप में चर्चित इस प्रयास को सिटिजन जर्नलिस्ट अवार्ड भी मिल चूका है। यह आन्दोलन आगे बढ़े, इसमें आपका भी सहयोग जरूरी है। इस चैनल को आप विज्ञापन देकर अथवा स्पोंसर बन कर सहयोग का भागी बन सकते है। ऊपर रेट टैरिफ का नमूना देखें एवं संपर्क करें-
मोबाईल : ०९४७१४७३१०९
बुधवार, 13 जनवरी 2010
दो -दिवसीय "ग्रामीण मीडिया प्रशिक्षण कार्यशाला" संपन्न
ग्रामीण महिलाओं का सामुदायिक चैनल "अप्पन समाचार" से जुडी महिला पत्रकारों एवं कुछ नई लड़कियों को लेकर मिशन आई इन्तरनेशनल सर्विस एवं बिहार महिला समाख्या सोसईटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो-दिवसीय 'ग्रामीण मीडिया प्रशिक्षण कार्यशाला' संपन्न हो गया। यह आयोजन बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित "बिहार महिला समाख्या" के सभागार में ३० से ३१ जनवरी २०१० तक सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें कुल ३७ महिलायें व लड़कियां शामिल हुई । इस कार्यशाला में मुशहर व अन्य दलित समुदाय की लड़कियां भी शामिल हुईं । प्रशिक्षण प्राप्त महिलायें/लड़कियां अप्पन समाचार के लिए रिपोर्टिंग करेंगी।
दो-दिवसीय इस कार्यशाला का उदघाटन बिहार विश्वविद्यालय के व्यस्क सतत शिक्षा विभाग की निदेशिका डॉ वंदना विजय लक्ष्मी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उनहोंने कहा कि मिशन आई का यह प्रयास "अप्पन समाचार" महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण है।
दूसरे दिन समापन सत्र के मौके पर उपस्थित मुजफ्फरपुर की जिला परिषद् अध्यक्ष श्रीमती किरण देवी ने कहा कि महिलायें अगर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करे तो समाज में परिवर्तन संभव है। अप्पन समाचार आज ग्रामीण महिलायों की आवाज बन गयी है। इसे आगे बढाने की जरूरत है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री नागेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा की खबरों के लिए गाँव काफी उर्वर है, लेकिन मुख्यधारा की पत्रकारिता की गहरी पहुँच आज भी वहां तक नहीं है। ऐसे में वैकल्पिक मीडिया "अप्पन समाचार" के और विस्तार और अधिक से अधिक जगहों पर प्रदर्शन की जरूरत है। इस अवसर पर सभी प्रशिक्षुओं को आगत अतिथियों ने प्रमाण पत्र भी प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन मिशन आई के अध्यक्ष संतोष सारंग एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ हेमनारायण विश्वकर्मा ने किया।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने कैमरा चलाने का गुर सीखा। विजुअल मिडिया के बारे में एवं तकनिकी कौशल विकसित करने का भी हुनर सीखा। तीन ग्रुप में बंटकर लड़कियों ने तीन अलग-अलग मुद्दे पर स्टोरी शूट की। शहर में व्याप्त गन्दगी, रेड लाइट एरिया की हकीकत एवं कुष्ट रोगियों की व्यथा पर खबर शूट कर लड़कियों ने दिखा दिया कि उनके लिए कोइ काम कठिन नहीं है।
प्रशिक्षक थे - दैनिक जागरण के उप मुख्यसम्पादक कौशल किशोर शुक्ला व एम् अखलाक, टेलीविजन पत्रकार संतोष त्यागी व चन्द्र प्रकाश, फिल्म मेकर के. नीरज, दैनिक जागरण की ज्योति, अप्पन समाचार के संस्थापक संतोष सारंग, रोबिन रंगकर्मी व विडियो एडिटर राजेश कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ । इस कार्यक्रम में विशेष रूप से शिरकत किये- प्रख्यात चिकित्सक व् सितारवादक डॉ निशीन्द्र किंजल्क, एनएसएस के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक डॉ विकास नारायण उपाध्याय, महिला समाख्या की जिला कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती पूनम कुमारी, यूनिसेफ के आशीष, अमृतांज इन्दीवर, फूलदेव पटेल, अजित कुमार चौधरी आदि ।
प्रशिक्षु थीं-रिंकू कुमारी, खुशबू कुमारी, अनीता कुमारी, प्रिया कुमारी, पिंकी कुमारी, प्रियम कुमारी, रामा कुमारी, राधिका कुमारी, विजया लक्ष्मी, भावना प्रिती आदि।
दो-दिवसीय इस कार्यशाला का उदघाटन बिहार विश्वविद्यालय के व्यस्क सतत शिक्षा विभाग की निदेशिका डॉ वंदना विजय लक्ष्मी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उनहोंने कहा कि मिशन आई का यह प्रयास "अप्पन समाचार" महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण है।
दूसरे दिन समापन सत्र के मौके पर उपस्थित मुजफ्फरपुर की जिला परिषद् अध्यक्ष श्रीमती किरण देवी ने कहा कि महिलायें अगर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करे तो समाज में परिवर्तन संभव है। अप्पन समाचार आज ग्रामीण महिलायों की आवाज बन गयी है। इसे आगे बढाने की जरूरत है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री नागेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा की खबरों के लिए गाँव काफी उर्वर है, लेकिन मुख्यधारा की पत्रकारिता की गहरी पहुँच आज भी वहां तक नहीं है। ऐसे में वैकल्पिक मीडिया "अप्पन समाचार" के और विस्तार और अधिक से अधिक जगहों पर प्रदर्शन की जरूरत है। इस अवसर पर सभी प्रशिक्षुओं को आगत अतिथियों ने प्रमाण पत्र भी प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन मिशन आई के अध्यक्ष संतोष सारंग एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ हेमनारायण विश्वकर्मा ने किया।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने कैमरा चलाने का गुर सीखा। विजुअल मिडिया के बारे में एवं तकनिकी कौशल विकसित करने का भी हुनर सीखा। तीन ग्रुप में बंटकर लड़कियों ने तीन अलग-अलग मुद्दे पर स्टोरी शूट की। शहर में व्याप्त गन्दगी, रेड लाइट एरिया की हकीकत एवं कुष्ट रोगियों की व्यथा पर खबर शूट कर लड़कियों ने दिखा दिया कि उनके लिए कोइ काम कठिन नहीं है।
प्रशिक्षक थे - दैनिक जागरण के उप मुख्यसम्पादक कौशल किशोर शुक्ला व एम् अखलाक, टेलीविजन पत्रकार संतोष त्यागी व चन्द्र प्रकाश, फिल्म मेकर के. नीरज, दैनिक जागरण की ज्योति, अप्पन समाचार के संस्थापक संतोष सारंग, रोबिन रंगकर्मी व विडियो एडिटर राजेश कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ । इस कार्यक्रम में विशेष रूप से शिरकत किये- प्रख्यात चिकित्सक व् सितारवादक डॉ निशीन्द्र किंजल्क, एनएसएस के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक डॉ विकास नारायण उपाध्याय, महिला समाख्या की जिला कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती पूनम कुमारी, यूनिसेफ के आशीष, अमृतांज इन्दीवर, फूलदेव पटेल, अजित कुमार चौधरी आदि ।
प्रशिक्षु थीं-रिंकू कुमारी, खुशबू कुमारी, अनीता कुमारी, प्रिया कुमारी, पिंकी कुमारी, प्रियम कुमारी, रामा कुमारी, राधिका कुमारी, विजया लक्ष्मी, भावना प्रिती आदि।
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